जब भी आर्थिक परेशानी आती है तो सबसे आसान सहारा क्रेडिट कार्ड लगता है। लेकिन बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि अगर क्रेडिट कार्ड बिल समय पर न भरें तो क्या होगा?
आइए जानते हैं कि इसका असर आपके CIBIL स्कोर, लेट फीस, ब्याज और पेनल्टी पर किस तरह पड़ता है।
Read in Englishक्यों ज़रूरी है समय पर क्रेडिट कार्ड बिल चुकाना?
क्रेडिट कार्ड असल में बैंक या NBFC द्वारा दिया गया एक शॉर्ट-टर्म उधार (short-term credit line) है। इसका सीधा मतलब है कि आपको समय पर भुगतान करना ही होगा।
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हर ट्रांज़ैक्शन आपके CIBIL रिपोर्ट में दर्ज होता है।
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अगर आप पेमेंट मिस करते हैं तो आपको डिफॉल्टर (delinquent) मान लिया जाता है।
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इससे आपका क्रेडिट स्कोर गिरता है, और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
क्रेडिट कार्ड पेमेंट मिस करने के मुख्य परिणाम
1. CIBIL स्कोर पर असर
पेमेंट मिस होने पर बैंक/NBFC इसे रिपोर्ट करते हैं। इससे आपका स्कोर घट जाता है, और भविष्य में किसी भी प्रकार का लोन/क्रेडिट लेना कठिन हो सकता है।
2. लेट फीस (Late Fee)
ड्यू डेट निकल जाने पर बैंक लेट पेमेंट चार्ज लगाते हैं। यह आमतौर पर बिल राशि का 2% या न्यूनतम ₹400–₹800 + GST तक होता है।
3. ऑटो-डेबिट बाउंस फीस (AD Mandate Bounce Fee)
अगर आपने ऑटो-डेबिट सेट कर रखा है और खाते में बैलेंस नहीं है तो बाउंस चार्ज लगता है। यह भी लगभग 2% या ₹400 न्यूनतम + GST तक हो सकता है।
4. ओवर लिमिट फीस (Over Limit Fee)
मान लीजिए आपकी लिमिट ₹20,000 है और आप पूरा खर्च कर चुके हैं। अब पेमेंट मिस करने पर बिल राशि बढ़ती जाती है और बैंक आपसे ओवर लिमिट फीस लेगा। यह 2%–3% या ₹400 + GST तक हो सकता है।
5. ब्याज चार्जेज (Interest Charges)
सबसे बड़ा नुकसान यह है कि बकाया राशि पर हर महीने 3.6%–4.5% + GST ब्याज जुड़ता है। इसका मतलब सालाना ब्याज 40% से भी अधिक हो सकता है।
कर्ज़ से बचने के आसान उपाय
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हमेशा मिनिमम अमाउंट ड्यू (MAD) अवश्य भरें। यह कुल बकाया का लगभग 5% होता है।
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पेमेंट भूलने से बचने के लिए SMS अलर्ट या ऑटो-डेबिट रिमाइंडर लगाएँ।
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अपनी लिमिट का पूरा उपयोग करने से बचें।
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कोशिश करें कि पूरा बकाया समय पर भरें, सिर्फ MAD पर निर्भर न रहें।
निष्कर्ष
क्रेडिट कार्ड जीवन को आसान बना सकता है, लेकिन लापरवाही आपको कर्ज़ के चक्रव्यूह (Debt Trap) में फँसा सकती है।
हमेशा समय पर भुगतान करें, इससे आपका CIBIL स्कोर अच्छा रहेगा और आप आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेंगे।
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