प्रस्तावना: पाकिस्तान का दोहरा चेहरा पाकिस्तान दुनिया के सामने खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है। लेकिन हकीकत यह है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (Inter-Services Intelligence) ने दशकों तक आतंकवाद को पाल-पोस कर राजनीतिक और सामरिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया। ओसामा बिन लादेन से लेकर मुंबई 26/11 और पुलवामा हमले तक — हर जगह पाकिस्तान का नाम सामने आता है। आखिर कैसे बना पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक अड्डा ? Read in English 1. पाकिस्तान का प्रॉक्सी युद्ध सिद्धांत (1947–1971) स्वतंत्रता के बाद से पाकिस्तान भारत से युद्ध में कमजोर रहा। आईएसआई ने “असममित युद्ध” यानी प्रॉक्सी आतंकवाद को रणनीति बना लिया। कश्मीर में घुसपैठ और छापामार रणनीति की शुरुआत इसी दौर में हुई। 2. अफगान जिहाद और वैश्विक आतंकवाद की नींव (1979–1989) सोवियत आक्रमण के समय पाकिस्तान बना अमेरिका और सऊदी अरब का सहयोगी। अरबों डॉलर और हथियारों से बने मुजाहिदीन कैंप । इन्हीं से जन्मा — तालिबान, हक्कानी नेटवर्क और अल-कायदा । 3. कश्मीर में आतंक का खेल (1989 से आगे) अफगान युद्ध के बाद आईएसआई ने लड़...